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क्या है IAS Topper टीना डाबी के सफलता का सबसे बड़ा कारण ?
टीना डाबी दिल्ली की वो लड़की है जिसने India के सबसे prestigious माने जाने वाले civil services exam में TOP किया है। और हैरानी की बात ये है की वो सिर्फ 22 साल की हैं और IAS Officer बनने के लिए ये उनका पहला एटेम्पट था। Wow…what an achievement! 
मैंने TV और YouTube पर उनके बहुत से interview देखे और उनके आधार पर मैं आज आपके साथ इस topper के success का सबसे बड़ा कारण share कर रहा हूँ। लेकिन उससे पहले हम उनके बारे में कुछ और डिटेल्स जान लेते हैं -
नाम: टीना डाबी
All India Rank: 1Roll No:0256747
उम्र: 22 साल
Civil Services Exam में no. of attempts: 1
चुना गया विषय: Political Science / राजनीति शास्त्र
Schooling: Convent of Jesus and Mary School
College: Lady Shri Ram College (दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक)
किस medium से exam और interview दिया: English
Home town/city: Delhi, (बर्थ प्लेस : भोपाल)
क्या CSE के लिए कोई coaching की : हाँ, दिल्ली में की
Service preferences (Top-5): आईएस,आईपीएस,आईएफएस, आईआरएस(आईटी),आईआरएस (सीई)स्टेट कैडर 
प्रेफरेंस: हरयाणा
टीना डाबी का Educational Background:-
Class 10 (सीबीएसई): 90.2%
Class 12 (सीबीएसई): 91.4% (आर्ट्स सब्जेक्ट)
Graduation: Political Science (Eco majors)- 81.5% 
Post-graduation: नहीं किया है
Hobbies & Extracurricularachievements
 Hobbies:-Painting (मधुबनी आर्ट )-ट्रेवल करना-खेलना-गाना-बास्केटबॉल-Guitar बजाना-फोटोग्राफी-and reading novels of Jane Austen

Achievements:-University gold medal-political-science-University topper-academicyear-Best all round student awardSome interesting
 Facts: टीना के माता-पिता दोनों ही trained Engineers हैं और उन्होंने भी UPSC एग्जाम clear किया हुआ है। माता जी पहले ही voluntary retirement ले चुकी हैं। Tina की एक छोटी बहन हैं, वो भी आगे चल कर IAS officer बनना चाहती हैं। Tina शुरू से ही अपने school और college में topper रही हैं।उनका birth place Bhopal है और अब उनका परिवार Delhi में settled है। 
सफलता का श्रेय किसे देती हैं :
अपनी माँ को। माँ ने ही शुरू से उन्हें IAS के लिए inspire किया और preparation में पूरी तरह उनके साथ लगी रहीं। इसलिए Tina कहती हैं,“इस success पे जितना हक़ मेरा है उतना ही मेरी माँ का भी है ”माँ से पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “ Tina ने बहुत -बहुत मेहनत की है …10-10 घंटे पढ़ती रहती थी।। कहना पड़ता था कि बस अब सो जाओ …”उनकी माँ को उनपर बहुत गर्व है, उनका कहना है –My daughter- My Hero
Civil Services Exam में सफलता के लिए क्या करना चाहिए: इस प्रश्न के उत्तर में Tina कहती हैं : Hard work करते रहिये …there is no substitute to hard work। हार मत मानिए Focused approach रखिये Disciplined रहिये …। सब कुछ छोड़ कर पढाई करिये।Patience रखिये Determined रहिये …कोई भी दिन बेकार न जाये। Tina ने state cadre preference में Haryana का नाम दिया है। जिसके कई कारण हैं, हरयाणा उनके घर यानि दिल्ली से सबसे करीब है, हरयाणा में gender inequality की बड़ी समस्या है जिसे वो address करना चाहती हैं, etc.
Tina की सफलता का सबसे बड़ा कारण क्या है ?
10k hour rule is an idea that it takes approximately 10000 hours of deliberate practice to master a skill यानि किसी भी skill को master करने के लिए 10,000 घंटे की deliberate practice की ज़रुरत होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो यदि कोई व्यक्ति किसी भी चीज में महारथ हांसिल करना चाहता है तो उसे कम से कम वो काम 10,000 घंटे करना होगा। अब Tina का case लेते हैं। Tina जब 11th class में थीं तब उन्होंने peer pressure की वजह से Science subjects chose किये थे …पर अपनी माँ के समझाने पर कि तुम्हारा interest humanities subjects में अधिक है और तुम्हे वही पढ़ना चाहिए …टीना ने अपने subject change करा दिए और Arts subjects पढ़ने लगीं। चूँकि उनके मात -पिता भी civil servants हैं इसलिए घर का माहौल ही कुछ ऐसा रहा होगा कि Tina को ये बात clear थी कि आगे चल कर उन्हें भी UPSC के exam में बैठना है। लिहाजा, वो 11th से ही अपने favourite subject Political Science को पढ़ने लगीं और आगे चल कर civil services exam में भी इसी subject को opt किया। अपने interview में उन्होंने बताया कि वो कभी भी 8 घंटे से कम नहीं पढ़ीं और बहुत बार 14 -14 घंटे भी पढ़ाई की। अगर हम उनका average study hours 10 भी मान लें तो ग्यारहवीं से लेकर ग्रेजुएशन तक में ही उन्होंने 5 साल खूब जम कर पढ़ाई की। अगर इसे घंटो में calculate करें तो ये होता है : 5x365x10= 18250 घंटे। जिसमे से I am quite sure की इन अठारह हज़ार + घंटो में से directly-indirectly कम से कम दस हज़ार घंटे IAS एग्जाम से रिलेटेड चीजें पढने में लगायी होंगी, खासतौर से IAS के अपने optional subject Political Science को उन्होंने ख़ासा time दिया होगा, यही वजह है कि Political science में वो University Gold medalist भी रही हैं। यानि, उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण है काफी पहले से अपने लक्ष्य कापता होना और उसे पाने के लिए 10000 घंटे से अधिक की कड़ी मेहनत करना।लेकिन शायद आप सोच रहे हों की बहुत से लोग 10000 या उससे अधिक घंटे पढ़ाई करते हैं पर हर कोई आईएएस अफसर नहीं बन पता ? इसका राज छिप है “10000 hour rule” के दो शब्दों में…”deliberatepractice” यानि जानबूझ कर अपने काम में महारथ हासिल करने के लिए एफ्फोर्ट्स डालना। तैयारी बहुत लोग करते हैं पर मुझे लगता है कि जो लोग क्वालीफाई करते हैं वे इस एग्जाम से जुड़े हर एक aspect में खुद को improve करते रहते हैं। फिर चाहे वो लिखने का तरीका हो, subject knowledge हो, interview की तैयारी हो, हर एक चीज में खुद को पहले से बेहतर बनाते चलते हैं। बहुत से लोग जिस चीज में अच्छे हैं बस उसी को और अच्छा करने में लगे रहते हैं लेकिन qualifiers अपनी weaknesses पर कड़ी मेहनत करते हैं और अपनी strengths को और बेहतर बनाते हैं। और घंटों पढाई करने पर भी चयनित न होने का एक रीज़न मुझे आईएएस श्रेयांश मोहन (रैंक 447) के इन शब्दों में नज़र आता है-ज्यादा घंटे पढने की बजाए ज्यादा ईमानदारी से पढने की आदत डालें। सची ही तो है, लोग किताबें तो घंटों लेकर बैठे रहते हैं पर पढ़ते कितना है ये मायने रखता है ! और लक फैक्टर भी कहीं न कहीं अपना role play करता है इसलिए कुछ लोग सब कुछ करने के बावजूद चूक जाते हैं…खैर ऐसे लोगों के लिए ही तो UPSC ने multiple attempts allow कर रखे हैं… so never give up…मंजिल ज़रूर मिलेगी। दोस्तों, लक्ष्य जितना पहले clear हो जाए उसे पाने की तैयारी भी उतनी पहले से शुरू हो सकती है …और जितनी पहले तैयारी शुरू हो जाती है उतनी ही अधिक हमारे success की probability बढ़ जाती है। इसलिए,आज इस बात में time invest करना कि मैं आज से 5 साल या 10 साल बाद क्या बनना या करना चाहता हूँ …आपको एक advantageous position में डाल सकता है। So, do think about your life…do think about your future…और जब वो picture clear हो जाए तो उसे अपनी मेहनत और अपनी skills से draw करना शुरू कर दीजिये …master-piece बनने में time तो लगता ही है!

All the best !
(Sushil Falekar)

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